जरुरत
कुर्सी पर टेक लेकर
पीछे झुकती हूँ
तो डर लगता है,
पता है कि दीवार है
सहारे के लिए
पर जरुरत है किसी
तीसरे हाथ की
मुझे थामने के लिए।
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mil gya na ek sahara ye blog..jo apko tham lega mere hisab se
ReplyDeleteapne gusse pe fida rehta hun,
ReplyDeletemain sabse juda rehta hun.
mujhse milna hai to tanhaai me mil,
akele me main khuda rehta hun.
aina tut gaya theek hua ,
apne chehre se chupa rehta hun